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पाली चेयरमैन ने राज्यपाल के समक्ष रखी श्री नीलकंठेश्वर मन्दिर कॉरिडोर की मांग पान किसानों , आदिवासी , कामगारों के हितार्थ रखी मांग

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पाली चेयरमैन ने राज्यपाल के समक्ष रखी श्री नीलकंठेश्वर मन्दिर कॉरिडोर की मांग
पान किसानों , आदिवासी , कामगारों के हितार्थ रखी मांग
पाली । विगत रोज पूर्व जिले में आयीं यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से पाली नगर पंचायत अध्यक्ष ने उनसे भेंट कर अपना एक मांग पत्र ज्ञापन दिया । जिसमें यहां टूरिज्म प्लान के साथ श्री नीलकंठेश्वर मन्दिर के कॉरिडोर की मंग सहित अन्य प्रमुख मांग रखी । ऐसे में अगर सब कुछ ठीक ठाक रहा तो जल्द ही यहां के आस्था एवं पर्यटन के क्षेत्र पर्यटन के नक्शे में अपना अलग ही आयाम स्थापित करेंगे ।
गौरतलब है कि उत्तरप्रदेश के बुंदेलखंड में पर्यटन की असीम संभावनाएं है , जिसके लिए प्रदेश सरकार पर्यटन विभाग के साथ एक बड़ा काम भी कर रही है लेकिन इन सबके बीच जिला मुख्यालय ललितपुर से महज 25 किलोमीटर की दूरी पर कस्बा पाली में पुरातत्व विभाग की जो संरक्षित धरोहरें है उनको लेकर विभागीय ध्यान अभी भटका हुआ है । जानकारी के लिए बता दे कि विंध्याचल की वादियों में स्थापित भगवान भोलेनाथ का श्री नीलकंठेश्वर धाम , पहाड़ों में उकरी रॉककट भगवान नरसिंह प्रतिमा , प्राचीन नगरी दूधई के भगवान शिव , भगवान विष्णु के मंदिर के साथ यहां भगवान आदिनाथ विराजित है , जिनकी महिमा किसी से छिपी नहीं है । इसके साथ पाली से महज दस किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ों से गिरता च्यवन जलप्रपात बरसात के मौषम में सैलानियों को अपनी ओर यूँ ही आकर्षित करता है । च्यवन आश्रम जिसे ऋषि च्यवन की कर्मस्थली के रूप में भी बड़ी पहचान है । बरसात में विंध्याचल के पहाड़ों से गिरते झरने सैलानियों में एक अलग ही अनुभूति व स्फूर्ति प्रदान करते है । श्री नीलकंठेश्वर मन्दिर की सीढियो से बहता पानी जब गिरता तो मानो ऐसे लगता है जैसे भगवान शिव की जटाओं से गंगा बह रही हो । पाली क्षेत्र में आस्था के साथ पर्यटन के कई और भी महत्वपूर्ण धरोहरें है , जिन्हें सही तरीके से तलाशने व तराशने की बहुत ही जरूरत है । यूँ तो यहां हर रोज श्रदालू व सैलानियों का आना- जाना बना रहता है ऐसे में अगर यहां सुविधाओ का विस्तार हो जाए तो यह क्षेत्र पर्यटन के क्षेत्र में अपनी एक अलग पहचान स्थापित करेंगे । इन प्राचीन धरोहरों का विकास हो इसके लिए पाली नगर पंचायत अध्यक्ष मनीष तिवारी ने विगत रोज यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल से एक भेंट कर अपना मांग पत्र सौपा । जिसके माध्यम से बताया कि यहां की धरोहरों को एकत्रित कर टूरिज्म प्लान तैयार किया जाए साथ ही श्री नीलकंठेश्वर मंदिर कॉरिडोर का निर्माण हो ।वहीं पान किसानों की बात रखते बताया कि कस्बे में करीब 200 परिवार पान की खेती करते है लेकिन बसों के संचालन बंद रहने से उनका पान समय से अपनी मुख्य मंडियों तक नहीं पहुंच पाता , जिसके चलते पान किसानों को अपनी उपज का बाजिव दाम नहीं मिल पाता । सुविधाओं के अभाव में किसानों का पान की खेती से मोहभंग हो रहा है । आदिवासियों एवं कामगारों की मांग रखते बताया कि जंगलो पर आश्रित रहने वाले इन लोगों से जंगल लगातार दूर होते जा रहे है इसके साथ ही जो जड़ीबूटी अन्य जंगली सामग्री वह अपने जीविकोपार्जन के लिए कड़ी मेहनत कर लाते है उनका बाजार में सही दाम उनको नहीं मिल रहा है । ऐसे में नगर पंचायत अध्यक्ष मनीष तिवारी ने जो राज्यपाल महोदया को ज्ञापन दिया और इस पर सही तरीके से गौर फरमाया गया तो ललितपुर के पाली की प्राचीन आस्था एवं पर्यटन की धरोहरें पर्यटन के नक्शे में अपनी एक अलग ही पहचान बनाएंगे

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