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प्रधानमंत्री आवास में पत्र सूची में नाम बढाने के नाम पर खुलेआम वसूली का ऑडियो सामने आया

ललितपुर

##ललितपुर में खुलेआम वसूली का ऑडियो सामने आया” । तहसीलकर्मी (अमीन) का ‘आवास सत्यापन’ यानी रिश्वत सत्यापन!
ललितपुर से एक ऐसा ऑडियो सामने आया है जिसे सुनने के बाद अगर आपको गुस्सा न आए तो समझ लीजिए सिस्टम ने आपको पूरी तरह पाल लिया है।
योजना–शहरी आवास योजना
स्थान – तहसील ललितपुर
पात्र – रामनारायण साहू, पेशा – अमीन
पीड़ित – एक आम गरीब लाभार्थी जिसने PM आवास योजना में आवेदन किया।
और अब सुनिए कहानी –गरीब आदमी को सरकारी योजना का घर चाहिए। पर वो घर यूं ही नहीं मिलता, उसके लिए जेब ढीली करनी पड़ती है। ₹5000 का रेट तय है। काम कोई असली नहीं, बस “वेरीफिकेशन” है। मतलब – तुम्हारा हक है, लेकिन बिना चढ़ावे के नहीं मिलेगा।
ये वही देश है जहाँ प्रधानमंत्री मंच से कहते हैं – “हर गरीब को उसका घर मिलेगा”
लेकिन ज़मीन पर रामनारायण साहू जैसे अमीन कहते हैं –“पहले 5 हजार दो, तभी आवास मिलेगा।”
इस मामले की शिकायत प्रभारी मंत्री तक भी पहुँची है। अब देखना ये है कि कार्रवाई होती है या ये ऑडियो भी बाकी घोटालों की तरह सिस्टम की फाइलों में दफन हो जाएगा?
आप ऑडियो सुनिए, गुस्सा कीजिए, शेयर कीजिए और पूछिए – ये तहसील है या फिर ‘वसूली मंच’?
#DevendraKaushik #JournalismWithSpine #BundeliDastak #LalitpurTruth #HousingScam #CorruptionExposed #AwasYojanaLoot #LallantopStyle #SpeakUpLalitpur #BureaucracyOrBrokerage
ललितपुर से एक ऐसा ऑडियो सामने आया है जिसे सुनने के बाद अगर आपको गुस्सा न आए तो समझ लीजिए सिस्टम ने आपको पूरी तरह पाल लिया है।
योजना–शहरी आवास योजना
स्थान – तहसील ललितपुर
पात्र – रामनारायण साहू, पेशा – अमीन
पीड़ित – एक आम गरीब लाभार्थी जिसने PM आवास योजना में आवेदन किया।
और अब सुनिए कहानी –गरीब आदमी को सरकारी योजना का घर चाहिए। पर वो घर यूं ही नहीं मिलता, उसके लिए जेब ढीली करनी पड़ती है। ₹5000 का रेट तय है। काम कोई असली नहीं, बस “वेरीफिकेशन” है। मतलब – तुम्हारा हक है, लेकिन बिना चढ़ावे के नहीं मिलेगा।
ये वही देश है जहाँ प्रधानमंत्री मंच से कहते हैं – “हर गरीब को उसका घर मिलेगा”
लेकिन ज़मीन पर रामनारायण साहू जैसे अमीन कहते हैं –“पहले 5 हजार दो, तभी आवास मिलेगा।”
इस मामले की शिकायत प्रभारी मंत्री तक भी पहुँची है। अब देखना ये है कि कार्रवाई होती है या ये ऑडियो भी बाकी घोटालों की तरह सिस्टम की फाइलों में दफन हो जाएगा?
आप ऑडियो सुनिए, गुस्सा कीजिए, शेयर कीजिए और पूछिए – ये तहसील है या फिर ‘वसूली मंच’?

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