
पाली में भक्तों ने नम आंखों से दी मां को विदाई, सुरक्षा व्यवस्था रही चाक-चौबंद
पाली। नवरात्रि महोत्सव एवं दशहरा पर्व के समापन पर नगर के विभिन्न पंडालों में स्थापित मां दुर्गा की प्रतिमाओं का विधि-विधानपूर्वक विसर्जन किया गया। नगरभर से शोभायात्राएं निकलीं, जिनमें भक्तजन ढोल-नगाड़ों की थाप और “जय माता दी” के गगनभेदी नारों के साथ मां दुर्गा की प्रतिमाओं को विसर्जन स्थलों तक लेकर पहुंचे।
नगर की सभी प्रतिमाओं का विसर्जन नगर के प्रमुख जलाशयों — नागौरी ताल और फुट्टा तालाब पर किया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी और हर कोई मां को विदाई देते समय भावुक नजर आया। भक्तों ने मां के चरणों में फूल अर्पित किए और अगले वर्ष पुनः आगमन की प्रार्थना की।
प्रशासन रहा मुस्तैद
भीड़-भाड़ और उत्साह के बीच किसी प्रकार की अनहोनी न हो इसके लिए प्रशासन ने पूरी सुरक्षा व्यवस्था कर रखी थी। पाली पुलिस द्वारा नगर के प्रमुख मार्गों पर सुरक्षा के मद्देनजर अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया था। विसर्जन स्थलों पर भी पुलिस अधिकारी लगातार नजर बनाए रहे।
इसके साथ ही, नगर पालिका द्वारा सफाई व्यवस्था की गई थी। तालाब किनारे प्रकाश की व्यवस्था भी की गई ताकि देर रात तक चलने वाले विसर्जन में श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
गोताखोरों की सतर्कता
विसर्जन स्थलों के आसपास प्रशासन द्वारा गोताखोर तैनात किए गए थे। वे अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए सतर्कता से नजर बनाए रहे, ताकि जल में उतरने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। श्रद्धा और भक्ति का संगम नगर में दुर्गा विसर्जन एक अद्भुत दृश्य बनकर सामने आया। ढोल-नगाड़ों की गूंज, आतिशबाजी, जयकारों और भक्ति गीतों के बीच भक्तजन मां की विदाई करते हुए भावुक हो उठे। मां की प्रतिमा के जल में उतरते ही वातावरण “जय माता दी” के नारों से गूंज उठा।




