बरेली के फरीदपुर थाना क्षेत्र के गांव अलगनी में संपत्ति और लोन पर लिए एक लाख रुपये के विवाद में कार सवार युवक ने बाइक सवार पिता और सौतेले भाई की कुचलकर हत्या कर दी। उसने मंगलवार को दिनदहाड़े वारदात को अंजाम दिया। इसके बाद कार को मौके पर छोड़कर भाग गया।
गांव निवासी नन्हे खां (62) और उनका बड़ा बेटा मिसिरयार खां (33) दोपहर बाद बाइक से घर से फरीदपुर आ रहे थे। नन्हे की दूसरी पत्नी के बेटे मकसूद खां ने अपनी कार से उनकी बाइक में पीछे से जोरदार टक्कर मार दी। कार से कुचलकर बाइक सवार नन्हे व मिसिरयार खां की मौके पर ही मौत हो गई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने दोनों शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। बुजुर्ग नन्हे और उनके बड़े बेटे मिसिरयार खां की हत्या संपत्ति के असमान बंटवारे का नतीजा बताई जा रही है। नन्हे अपने बड़े बेटे पर ज्यादा खर्च करते थे। इससे दूसरा बेटा उनसे रंजिश मानने लगा था। सीओ फरीदपुर संदीप कुमार सिंह ने कहा कि आरोपी को जल्द ही पकड़ लिया जाएगा।

नन्हे खां ने दो शादियां की थीं। उनकी पहली शादी फरीदपुर थाना क्षेत्र के पदारथपुर गांव निवासी हुस्नबानो से हुई थी। हुस्नबानो की संतान मिसिरयार थे। हुस्नबानो की मौत के बाद नन्हे खां ने बहेड़ी के मितहापुर निवासी जरीना से दूसरी शादी की। दूसरी पत्नी की संतान मकसूद खां है। विवाद की वजह से जरीना नन्हे खां और मकसूद को छोड़कर चली गईं। नन्हे खां ने पिता होने का फर्ज निभाया और दोनों बेटों की शादी कर दी। दोनों के बच्चे भी हैं।
बड़ा बेटा मिसिरयार गांव में किराना की दुकान चलाता था। मकसूद वैन चलाकर परिवार पालता था। नन्हे अपने बड़े बेटे मिसिरयार खां के साथ रहते थे, जबकि मकसूद मकान के दूसरे हिस्से में रहता था। पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि नन्हे ने अपनी 22 बीघा जमीन में से चार-चार बीघा जमीन दोनों बेटों को जोतने-बोने के लिए दी थी। मकसूद जिद करता था कि कुल जमीन का एक तिहाई हिस्सा उसे चाहिए।
पिता ने लिया कर्ज तो दी धमकी
पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि नन्हे अपने बड़े बेटे के परिवार पर ही खर्च करते थे। नन्हे ने अपनी जमीन पर तीन लाख रुपये का लोन लिया था। सोमवार को वह बैंक से रुपये निकाल कर लाए। तब मकसूद ने उसमें से एक लाख रुपये मांगे। नन्हे ने रुपये देने से मना किया तो मकसूद अपने पिता व सौतेले भाई को जान से मारने की धमकी देकर चला गया था।
मृतकों की बाइक – फोटो : संवाद न्यूज एजेंसी
पुलिस पहले संज्ञान लेती तो बच सकती थी पिता-पुत्र की मौत
दोहरे हत्याकांड के बाद ग्रामीणों में चर्चा है कि पुलिस पहले से संज्ञान लेती तो पिता-पुत्र की जान बच सकती थी। मकसूद अक्सर पिता से लड़ता था। ग्रामीणों के मुताबिक, सोमवार को जब मकसूद ने धमकी दी, तभी नन्हे ने पुलिस से शिकायत की थी। पुलिस ने सोमवार को वीवीआइपी ड्यूटी में व्यस्त होने की वजह से इसे घरेलू विवाद मानकर संज्ञान नहीं लिया।
वहीं, इंस्पेक्टर राधेश्याम का कहना है कि सोमवार को किसी ने ऐसी शिकायत नहीं की थी, न ही कोई थाने आया था। उन्हें मंगलवार को भी एक्सीडेंट की सूचना मिली थी। मौके पर जाकर जांच की गई तो हत्या का पता लगा।