
चिट फंड कंपनी में दो अभियुक्ततों को मिली रिहाई
जनपद ललितपुर | चिटफंड कंपनी एल यू सी सी प्रकरण में जेल में निरुद्ध दो आरोपियों की गिरफ्तारी को हाई कोर्ट ने अवैध बताते हुए रिमाइंड आदेशों को निरस्त कर दिए थे शनिवार को अधिवक्ता अनुपम वर्मा द्वारा योजित प्रार्थना पत्र पर अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम यादवेंद्र सिंह की अदालत ने राजेंद्र गुप्ता को एल यू सी सी से संबंधित गैंगस्टर समेत सभी 11 मुकदमो और संजीव कुमार खरे को एल यू सी सी से संबंधित आठ मुकदमों मे आदेश पारित करते हुए अन्य कोई मामला न होने पर रिहा करने के आदेश दिए हैं | एल यू सी सी प्रकरण में गैंगस्टर एक्ट समेत अन्य गंभीर धाराओं में दो आरोपी राजेंद्र कुमार गुप्ता उर्फ राजू बरसैया और संजीव कुमार खरे 25 जनवरी से जिला कारागार में निरुद्ध चल रहे हैं | लेकिन अब हाई कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें बड़ी राहत मिली है | उनकी ओर से दायर याचिका में 17 जून को हाई कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी को अवैध घोषित करते हुए उनके खिलाफ रिमांड आदेश को निरस्त कर दिया था अब शनिवार को अपर सत्र विशेष न्यायाधीश प्रथम ने बी यू डी एस एक्ट 2019 के तहत आरोपियों को रिहा करने के आदेश पारित कर दिए हैं | अदालत में प्रस्तुत की गई सत्र लिपिक व कोर्ट मोहरिर की संयुक्त आख्या के अनुसार राजेंद्र कुमार गुप्ता की गिरफ्तारी 25 जनवरी के उपरांत गैंगस्टर समेत कुल 10 मुकदमों में प्रथम रिमांड आदेश पारित किए गए थे | इसके अतिरिक्त इस गिरफ्तारी पर 1 प्रकरण में गैंगस्टर का मुकदमा लगाया गया था | इसी प्रकार आरोपी संजीव कुमार खरे की गिरफ्तारी 26 मार्च को हुई थी इसके विरुद्ध आठ मुकदमों में डिमांड आदेश पारित किए गए थे | इस मामले में आरोपियों की ओर से इलाहाबाद उच्च न्यायालय में रिट दायर की गई थी जिसमें 17 जून को पारित आदेश में पाया गया कि आरोपियों की गिरफ्तारी के समय कारण व अधिकारिक आधार की विधि सम्मत जानकारी नहीं दी गई थी | अनुच्छेद 22 ( 1 ) एवं दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 50 के उल्लंघन के आधार पर उच्च न्यायालय ने इन सभी रिमांड आदेशों को निरस्त कर दिया था | उक्त मामले में अपर सत्र विशेष न्यायाधीश की अदालत ने शनिवार को दोनों आरोपियों को एक-एक लाख रुपए के मुचलके पर अभिलम्ब रिहा करने के आदेश दिए हैं | आरोपियों की ओर से पैरवी कर रहे हाई कोर्ट के अधिवक्ता अनुपम वर्मा ने बताया कि राजेंद्र कुमार गुप्ता और संजीव कुमार खरे दोनों की गिरफ्तारी अवैध तरीके से की गई थी एवं इस प्रकार उनकी पुलिस हिरासत अवैध रूप से करने के संबंध में पृथक से गिरफ्तार करने वाले पुलिस अधिकारी की विरुद्ध क्षतिपूर्ति की विधिक प्रावधानों के तहत कार्यवाही की जाएगी | हाई कोर्ट के आदेशों के अनुपालन में शनिवार को अपर सत्र विशेष न्यायाधीश ने दोनों को बिना जमानत के गैंगस्टर समेत सभी मामलों में रिहा कर दिया है | अभी भी दर्जनों अभियुक्त जेल में निरुद्ध हैं जिनकी गिरफ्तारी की वैधता पर अभी तक कोई आदेश पारित नहीं हुआ है | प्रकरण में स्थानीय अधिवक्ता गोविंद सक्सेना, आनंद चतुर्वेदी,विजय कुमार जैन एवं अखिलेश राय द्वारा भी ये जानकारी दी गई है |