Lalitpur News: दो जून की रोटी के लिए बाहर जाने की मजबूरी
संवाद न्यूज एजेंसी
ललितपुर। दो जून की रोटी के लिए ललितपुर के मजदूरों को संघर्ष करना पड़ रहा है। आलम यह है कि जिले में उद्योग न होने और शासन की मनरेगा योजना फेल होने से वह परिवार का पेट पालने के लिए अन्य प्रदेशों में मजदूरी के लिए जा रहे हैं। कई इनमें ऐसे परिवार हैं जो हादसे में अपनी जान तक गवां चुके हैं।
तीन तहसील और छह ब्लॉकों वाले जिले में 415 ग्राम पंचायत हैं। जिले में कोई प्रमुख उद्योग न होने के कारण यहां के लोगों का मुख्य काम खेती किसानी और मजदूरी करना है। गांव के लोगों को गांव में ही रोजगार देने के लिए वर्ष 2006 में मनरेगा योजना संचालित की गई थी। जिसमें काम करने वाले लोगों के जॉब कार्ड बनाए गए थे। इन जॉबकार्ड धारकों को 252 रुपये प्रतिदिन की निर्धारित मजदूरी उनके खातों में पहुंचाई जाती है। वर्तमान में जिले में करीब 1.87 लाख जॉब कार्डधारक हैं। इनमें से करीब 1.41 लाख सक्रिय जॉब कार्डधारक हैं। यह सक्रिय जॉब कार्डधारक मजदूर ग्राम पंचायतों में होने वाले विकास कार्यों को करते हैं। लेकिन मनरेगा की मजदूरी कम होने और जिले में उद्योग स्थापित न होने के कारण दो जून की रोटी के लिए ग्रामीण, शहरी और बेरोजगार गैर प्रांतों में मजदूरी करने को विवश हैं। जो बेरोजगार किन्हीं कारणों से अन्य प्रदेशों में नहीं जा पा रहे हैं, वह शहरी क्षेत्र में निर्माण कार्यों में मजदूरी कर रोजी-रोटी चला रहे हैं। वहीं कभी कभार गैर प्रांतों में ही मजदूरी के दौरान हादसे का शिकार होकर अपनी जान गवां रहे हैं। बीते दिनों महरौनी क्षेत्र के ग्राम समोंगर निवासी प्रसन्न और उसकी पत्नी चांदनी कुशवाहा हरियाणा के गुरुग्राम में मजदूरी करने के दौरान दीवार गिरने से मौत की शिकार हो गई थी। दंपती की मौत से उनके दोनों बच्चे अनाथ हो गए।
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मांगने पर 99 फीसदी जाॅब कार्डधारकों मिला काम
इस वित्तीय वर्ष में अब तक मनरेगा जॉब कार्डधारक करीब 59096 परिवारों ने काम मांगा और 14 परिवारों को छोड़कर सभी को उपलब्ध कराया गया। इसके साथ 81362 मनरेगा श्रमिकों ने काम मांगा। जिस पर 81337 श्रमिकों को काम दिया गया। इसमें सिर्फ 25 श्रमिक ही ऐसे रहे, जिनको काम नहीं मिल पाया।
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एक नजर
– 26.76 लाख मानव दिवस सृजन का लक्ष्य
– 9.63 लाख मानव दिवस अब तक कुल हुए सृजित
– 4.27 लाख महिलाएं सृजित मानव दिवस में शामिल
– 39 जॉब कार्डधारकों को अब तक सौ दिन का रोजगार कराया उपलब्ध
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ब्लाॅकवार ग्राम पंचायतों की संख्या
ब्लॉक – ग्राम पंचायतें
बार – 62
बिरधा – 83
जखौरा – 85
मड़ावरा – 65
महरौनी – 66
तालबेहट – 54
योग – 415
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हर जगह स्थापित हो रहे सोलर प्लांट, मजदूरी न के बराबर
हाल के दिनों में जनपद के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में सोलर प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। इनकी लागत भी करोड़ों रुपये की है। सोलर प्लांट लगाने वाली कंपनियां जिले की भूमि का उपयोग तो कर रही हैं, लेकिन रोजगार के नाम पर सिर्फ उंगलियों पर गिनने वाले मजदूरों को काम उपलब्ध करा पा रही हैं।
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बल्क ड्रग फार्मा पार्क से लोगों को रोजगार की उम्मीद
उद्योग शून्य जनपद में प्रदेश सरकार ने बल्क ड्रग फार्मा पार्क बनाने की घोषणा की गई थी। वर्तमान में महरौनी क्षेत्र के ग्राम सैदपुर में बल्क ड्रग पार्क बनाने का कार्य तेजी से चल रहा है। इस बल्क ड्रग पार्क को लेकर जिले के बेरोजगार लोगों को रोजगार मिलने की काफी उम्मीदें हैं।